हालाँकि यह बात नोट करने लायक है कि भारत ने 2015 में 8 श्रम प्रधान क्षेत्रों में सिर्फ 135000 नौकरियां पैदा की. पर हैरान कर देने वाली बात यह है कि इसी अवधि में स्किल्ड श्रमिकों की संख्या में 1 करोड़ का इजाफा हुआ है जिन्हें जॉब की आवशयकता है.
रिसर्च के अनुसार 2021 तक हर 10 में से 4 नौकरी औटोमेशन की वजह से चली जाएगी. पूरी दुनिया में और खास कर विकसित देशों में इससे जॉब क्राइसिस बढ़ी है.
परन्तु ऐसा नहीं कि भारत सरकार को इसका पता नहीं था. वर्ल्ड बैंक के प्रेजिडेंट जिम किम में अक्टूबर 2016 में यह करते हुए चेताया था अगर भारत सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो 69 प्रतिशत नौकरियों पर ऑटोमेशन की वजह से गंभीर खतरा होगा. उन्होंने कहा था कि सरकार ने अगर एक मजबूत स्ट्रेटेजी के साथ ब्लू कॉलर और वाइट कॉलर वाले श्रमिकों के लिए कोई समाधान नहीं ढूँढा तो मामला हाथ से निकल सकता है.
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