हालांकि नॅसकॉम भारत के टेक टाइटन्स के लिए भविष्य के बारे में तेजी से है| एचएफएस रिसर्च एक अमेरिकी-आधारित व्यापार सलाहकार फर्म का अनुमान है कि स्वचालन का मतलब भारत के आईटी कार्यबल में 14 प्रतिशत की गिरावट और 48,021 नौकरियों के जोखिम 2021 तक हो सकता है। यह भारत के आईटी कॉलेजों में हजारों इच्छुक अभियंताओं के लिए चिंताजनक संभावना है। हालांकि उद्योग में छंटनी असामान्य नहीं है| खासकर वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में संघ प्रमुखों का मानना है कि इस वर्ष अभूतपूर्व संख्या में कर्मचारियों को निकला जारहा है क्योंकि कंपनियां मुनाफा कम करने का काम करती हैं।
राष्ट्रीय परिसंघ के आईटी कर्मचारियों के राष्ट्रीय परिसंघ के अध्यक्ष जेएसआर प्रसाद ने कहा, कंपनियां छंटनी के बारे में बात करने के लिए तैयार नहीं हैं| न ही वो यह बताने को तैयार है कि उन्होंने कितने कर्मचारियों को नोटिस दिया है और कितना| क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और अभिनव प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के रूप में भारत की शीर्ष आईटी कंपनियां नए ग्राहकों को चुनने की कठिनाई के बारे में अवगत करा रही हैं। इसलिए विश्लेषकों का कहना है कि अगर कुछ लोग अब संचालन को व्यवस्थित कर रहे हैं तो यह थोड़ा आश्चर्यचकित होना चाहिए। डीएडी ने कहा, “बड़े पैमाने पर छंटनी और घटाने से संबंधित ये परिवर्तन कुछ समय के लिए चल रहे हैं और विश्व की घटनाओं की मौजूदा श्रृंखला ने उन्हें त्वरित किया है।