नीती आयोग ने कहा है कि डेटा के वर्तमान सेट में गंभीर खामियां हैं। नीती आयोग का कहना है कि , नौकरियों पर बहस करना बेकार है क्योंकि कुछ आंकड़ों को संदर्भित किया जा रहा है, और ये त्रैमासिक रोजगार परिदृश्य से आ रहे हैं। इन सर्वेक्षणों कि माने तो बहुत गंभीर समस्याएं हैं| नीति आयुक्त ने तर्क दिया है कि श्रम सर्वेक्षण के निष्कर्षों का कहना है कि नौकरियां अर्थव्यवस्था में नहीं बनाई गई हैं, क्योंकि उनके पास डेटा अपर्याप्त है। सरकार के थिंक टैंक ने तर्क दिया है कि एक व्यापक सर्वेक्षण की आवश्यकता है।
पैनागरीय ने कहा- कुछ जानकारी ईपीएफओ, ईएसआई डेटा से निकाली जा सकती है। हम उस पर अब काम कर रहे हैं| राष्ट्रीय आयोग श्रम-गहन उद्योगों जैसे खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रानिक असेंबली, चमड़े के उत्पादों और वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए जोर दे रहा है। इसने रोजगार के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र का भी सुझाव दिया है और घरेलू और विदेशी उद्योग को आकर्षित किया है।