कश्मीरी गेट के पास म्यूटिनी हाउस का निर्माण अंग्रेजो ने 1857 में मारे गए अपने सिपाहियों की याद में बनवाया था।
रात के अँधेरे में यहाँ का माहौल बेहद डरावना हो जाता है. कहा जाता है कि सैनिकों की आत्माएं अभी भी इस भवन में भटकती हैं. कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने यहाँ पर आधे अधूरे शरीर के साथ घुमते हुए लोगों को देखा है.
3. भूली भटियारिन का महल
यह महल किसी ज़माने में तुगलक वंश का शिकारगाह हुआ करता था। जिसकी देखभाल एक महिला करती थी और उसका नाम था भूली भटियारन.
उसी महिला के नाम पर उस जमाने के लोगों ने इस महल को भूली भटियारन का महल कहना शुरू कर दिया . अंधेरा होना के बाद यहां परिंदा भी पर नहीं मारता। आस पास रहने वाले बताते हैं कि अक्सर इस महल से अजीबोगरीब चीखें सुनाई देती हैं.
2. खुनी नदी
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कहा जाता है कि इस नदी का पानी आपको अपनी तरफ खींचता है. पानी में जाने वालों को यह नदी निगल लेती है इसी वजह से नदी के आसपास कोई नहीं जाता है। रोहिणी के कम शोर गुल वाले इस इलाके में यूं भी कम लोग आते हैं। कारण, नदी के किनारे लाशों का मिलना। हत्या, आत्महत्या, दुर्घटना कारण चाहे जो हो, यहां नदी किनारे लाशें मिलना आम बात हो गई है। यही कारण है कि लोग इसे खुनी नदी के नाम से जानते हैं.
1. जमाली कमाली की कब्रगाह
यहाँ एक मस्जिद भी है जो दिल्ली के महरौली में स्थित है। सूफी संत जमाली लोधी हुकूमत के राज कवि थे। इसके बाद बाबर और उनके बेटे हुमायूं के राज तक जमाली को काफी तवज्जो दी गई। मकबरे में दो संगमरमर की कब्र हैं, एक जमाली की और दूसरी कमाली की। इस जगह के बारे में लोगों का विश्वास है कि यहां जिन्न रहते हैं। कई लोगों को यहाँ बेहद डरावने अनुभव हुए हैं। माना जाता है कि यहां रात में तेज हवाएं चलती हैं. तथा लोगों को किसी अंजनी शक्ति से थप्पड़ भी लगते हैं.