उदाहरण कवचित सही तरीके से लिखा गया है , किन्तु इस उदाहरण मे ‘ मंदिर का पुजारी ‘ का उपयाग इस तरीके से लिखा गया है जैसे सभी पुजारी भ्रष्ट हो । ये हिन्दी सीखने वाली नई पीढ़ी के मन मे मदिर और पुजारी डोको के लिए उपेक्षा और अनादर पैदा करता है । कृपया इसे सुधारे ।
आपका कथन सही है। ऐसे उदाहरण समाज में यदा कदा ही देखने को मिलते हैं। “मंदिर का पुजारी” की जगह ‘हमारे गाँव के मंदिर का पुजारी” कर दिया गया है।
उदाहरण कवचित सही तरीके से लिखा गया है , किन्तु इस उदाहरण मे ‘ मंदिर का पुजारी ‘ का उपयाग इस तरीके से लिखा गया है जैसे सभी पुजारी भ्रष्ट हो । ये हिन्दी सीखने वाली नई पीढ़ी के मन मे मदिर और पुजारी डोको के लिए उपेक्षा और अनादर पैदा करता है ।
कृपया इसे सुधारे ।