एनेस्थीसिया यानि बेहोश करने की दवा यानि निश्चेतक का उपयोग भारतीय प्राचीन चिकित्सा विज्ञान में बहुत पहले से होता आ रहा है. शारीरिकी, भ्रूण विज्ञान, पाचन, चयापचय, शरीर क्रिया विज्ञान, इटियोलॉजी, आनुवांशिकी और प्रतिरक्षा विज्ञान आदि विषय भी प्राचीन भारतीय ग्रंथों में पाए जाते हैं।
नौवहन की कला और नौवहन का जन्म 6000 वर्ष पहले सिंध नदी में हुआ था। नेविगेशन शब्द संस्कृत के शब्द नवगति से उत्पन्न हुआ है। शब्द नौ सेना भी संस्कृत शब्द नोउ से उत्पन्न हुआ।
‘पाई’ का मूल्य की सबसे पहले भारतीय गणितज्ञ बौधायन द्वारा गणना की गई और उन्होंने उस प्रमेय को भी सबसे पहले समझाया जिसे आज पाइथागोरस का प्रमेय के रूप में जाना जाता है.
बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन (कैलकुलस) का अध्ययन भारत में ही आरंभ हुआ था।
ग्रीक तथा रोमनों द्वारा उपयोग की गई की सबसे बड़ी संख्या 106 थी जबकि प्राचीन भारतीयों ने 10*53 जितने बड़े अंकों का उपयोग (अर्थात 10 की घात 53) इसके नाम के साथ 5000 वर्ष ईसा पूर्व ही कर दिया था। आज भी उपयोग की जाने वाली सबसे बड़ी संख्या टेरा: 10*12 (10 की घात12) है जो इस संख्या से बहुत छोटी है.
बेलीपुल विश्व में सबसे ऊंचा पुल है. यह हिमालय की पर्वत श्रंखला में द्रास और सुरु नदियों के बीच लद्दाख घाटी में स्थित है. यह भारतीय सेना द्वारा अगस्त 1982 में बनाया गया था.
भारत 17वीं शताब्दी के आरंभ तक अंग्रेज़ों के आने से पहले सबसे सम्पन्न देश था। क्रिस्टोफर कोलम्बस भारत की सम्पन्नता से आकर्षित हो कर भारत आने का समुद्री मार्ग खोजने चला था जब उसने गलती से अमेरिका को खोज लिया।
भारत का अंग्रेजी में नाम ‘इंडिया’ इंडस नदी से बना है, जिसके आस पास की घाटी में आरंभिक सभ्यताएं निवास करती थी। आर्य पूजकों ने इस इंडस नदी को सिंधु कहा।
भारत में दुनिया के सबसे अधिक डाकघर हैं.
भारत द्वारा श्रीलंका, तिब्बत, भूटान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के 3,00,000 से अधिक शरणार्थियों को शरण दी गई है जो धार्मिक और राजनैतिक आरोपों के कारण वहां से निकाले गए हैं.।
भारत ने अपने आखिरी 10000 वर्षों के इतिहास में किसी भी देश पर हमला नहीं किया है।
भारत में 3,00,000 मस्जिदें हैं जो किसी भी अन्य देश से अधिक हैं, यहां तक कि मुस्लिम देशों से भी अधिक।
भारत में 4 धर्मों का जन्म हुआ – हिन्दु, बौद्ध, जैन और सिक्ख धर्म और जिनका पालन दुनिया की आबादी का 25 प्रतिशत हिस्सा करता है।
भारत में सबसे पुराना यूरोपियन चर्च (ईसाई धर्म) और सिनागोग (यहूदी) कोचीन शहर में है। इनका निर्माण क्रमश: 1503 और 1568 में किया गया था।
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश तथा प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।
भारत से 90 देशों को सॉफ्टवेयर का निर्यात किया जाता है।
भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है। यह दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
भास्कराचार्य ने खगोल शास्त्र के आधुनिक विज्ञानियों द्वारा पता लगाए जाने से कई सौ साल पहले ही पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है। \
युद्ध कलाओं का विकास सबसे पहले भारत में किया गया और ये बौद्ध धर्म प्रचारकों द्वारा पूरे एशिया में फैलाई गई। योग कला का उद्भव भारत में हुआ है और यह 5,000 वर्ष से अधिक समय से भारत मौजूद है।
वाराणसी, जिसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन शहर है जब भगवान बुद्ध ने 500 बी सी में यहां आगमन किया और यह आज विश्व का सबसे पुराना और विकसित हो रहा शहर है।
विश्व का सबसे प्रथम विश्वविद्यालय 700 बी सी में तक्षशिला में स्थापित किया गया था। इसमें 60 से अधिक विषयों में 10,500 से अधिक छात्र दुनियाभर से आकर अध्ययन करते थे। नालंदा विश्वविद्यालय चौथी शताब्दी में स्थापित किया गया था जो शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन भारत की महानतम उपलब्धियों में से एक है।
विश्व में सबसे बड़ा धार्मिक भवन अंगकोरवाट, हिन्दु मंदिर है जो कम्बोडिया में 11वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था।
शतरंज की खोज भारत में की गई थी।
संख्या प्रणाली का आविष्कार भारत में हुआ था. आर्यभट्ट वैज्ञानिक ने शून्य का आविष्कार किया था.
संस्कृत सभी उच्च भाषाओं की जननी माना जाता है. यह कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए सबसे सटीक और उपयुक्त भाषा है. (फ़ोर्ब्स पत्रिका की रिपोर्ट, जुलाई 1987).
सांप सीढ़ी का खेल तेरहवीं शताब्दी में कवि संत ज्ञान देव द्वारा तैयार किया गया था इसे मूल रूप से मोक्षपट कहते थे। इस खेल में सीढियां वरदानों का प्रतिनिधित्व करती थीं जबकि सांप अवगुणों को दर्शाते थे। इस खेल को कौडियों तथा पांसे के साथ खेला जाता था।
भारत के चौथे बड़े धर्म सिक्ख धर्म का उद्भव पंजाब के पवित्र शहर अमृतसर में हुआ था। यहां प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर की स्थापना 1577 में गई थी।
सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता है। लगभग 2600 वर्ष पहले सुश्रुत और उनके सहयोगियों ने मोतियाबिंद, कृत्रिम अंगों को लगना, शल्य क्रिया द्वारा प्रसव, अस्थिभंग जोड़ना, मूत्राशय की पथरी, प्लास्टिक सर्जरी और मस्तिष्क की शल्य क्रियाएं आदि की।