आपका मित्र वो है जिसके शत्रु वही हैं जो आपके शत्रु हैं .
औरत ही एक मात्र प्राणी है जिससे मैं ये जानते हुए भी कि वो मुझे चोट नहीं पहुंचाएगी, डरता हूँ .
किसी वृक्ष को काटने के लिए आप मुझे छ: घंटे दीजिये और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा .
प्रजातंत्र लोगों की, लोगों के द्वारा, लोगों के लिए बनायी गयी सरकार है .
मैं जो भी हूँ, या होने की आशा करता हूँ, उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है .
यदि आप एक बार अपने साथी नागरिकों का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे.
शत्रुओं को मित्र बना कर क्या मैं उन्हें नष्ट नहीं कर रहा हूँ?
साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं. यही वजह है कि भगवान ऐसे लोगों का निर्माण बड़ी संख्या में करते हैं.
मैं धीरे जरूर चलता हूँ लेकिन कभी पीछे नहीं मुड़ता