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भारत की गिरी विकास दर के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वैश्विक परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया है. तीन सालों के सरकारी काम काज का लेखा जोखा पेश करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देशों में संरक्षणवाद की प्रवृत्ति और वैश्विक व्यापार में कमी साफ-साफ देखी जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि तीन साल पहले UPA के शाशन काल में देश कि अर्थव्यवस्था पर लोगों को भरोसा नहीं था जबकि हमने इस भरोसे को फिर से बहाल करने का काम किया है.
उन्होंने नोटबंदी को एक लाभकारी कदम बताया पर इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि आखिर भारत का विकास दर 7 प्रतिशत के मुकाबले 6.1 प्रतिशत पर कैसे गिर गया.
हालाँकि जेटली ने कहा की वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर काफी अच्छी है और इसमें सुधर किये जा रहे हैं.
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