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भले ही सरकार बुलेट ट्रेन को ले कर उत्साहित है परन्तु आंकड़े अलग ही कहानी पेश कर रहे हैं. हाल ही में दायर हुए एक RTI ने मुंबई अहमदाबाद रूट पर ट्रेनों के संचालन से जुड़े अहम् आंकड़े पेश किये हैं जो साफ़ तौर पर देश को भविष्य में लगने वाले घाटे के बारे में बताता है.
RTI के अनुसार मुंबई अहमदाबाद ट्रेन रूट पर पिछले 3 महीनों (1 जुलाई से 30 सितम्बर) के आंकड़ों के अनुसार 40 फ़ीसदी सीट खाली रह जाते हैं. जिससे रेलवे को 29.91 करोड़ का वित्तीय घाटा हो रहा है.
आधी खाली चलती ट्रेनें
RTI कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मीडिया को बताया कि मुंबई अहमदाबाद रूट पर 32 मेल तथा एक्सप्रेस ट्रेने हैं परन्तु रेलवे को 14 करोड़ का घाटा मुंबई से अहदाबाद रूट पर होता है. वहीँ अहमदाबाद से मुंबई के लिए 31 ट्रेनें हैं जिनसे रेलवे को 15.91 करोड़ का घाटा हर तिमाही होता है.
रेलवे को सीटें न भर पाने की वजह से हर महीने 10 करोड़ का घाटा सहन करना पड़ रहा है और उसकी मुख्य वजह सीटों का न भर पाना है.
यहाँ तक कि इस रूट पर सबसे तेज चलने वाली 12009 शताब्दी एक्सप्रेस में भी सिर्फ आधे टिकटों की बिक्री हो पाई.
आंकड़ों के अनुसार अधिकांश लोगों ने स्लीपर क्लास सीट में सफ़र किया जबकि AC तथा उपरी क्लास की सीटें खाली ही रह जा रही हैं. जिसकी वजह से रेलवे नें इस रूट पर और ट्रेनें नहीं चलाने का फैसला लिया है.
आपको बता दें कि बुलेट ट्रेन का किराया अनुमानतः 3000 से 5000 रहने की उम्मीद है वहीँ मुंबई अहमदाबाद रूट पर ट्रेनों का किराया 1800 से 3000 रूपये होता है.
गलगली ने सरकार पर ताना मारते हुए कहा कि भारतीय सरकार बुलेट ट्रेन को ले कर इतना उत्साहित है कि उसने इसके परिचालन से पहले का गणित भी नहीं किया. सामान्य ज्ञान का प्रयोग कर भी यह पता लगाया जा सकता है कि बुलेट ट्रेन एक घाटे का सौदा है. भारत के पास वर्तमान में रेलवे का एक बड़ा नेटवर्क है जिसपर निवेश कर इसे और बेहतर और सुचारू बनाया जा सकता है. परन्तु हम गलत दिशा में 1.1 लाख करोड़ रुपया खर्च करने जा रहे हैं.
गुजरातियों को खुश करने के लिए पूरे देश को कर्ज का बोझ क्यूँ?
इससे पहले मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी बुलेट ट्रेन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सिर्फ गुजरात चुनावों को जीतने के लिए नरेन्द्र मोदी जी ने बुलेट ट्रेन का घाटे का सौदा किया है. और गुजरात को खुश करने के लिए पूरे देश पर 1 लाख करोड़ के कर्ज का बोझ डाला गया.
आपको मालूम हो को भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुलेट ट्रेन के परिचालन के लिए मुंबई अहमदाबाद रूट को चुना है जिसके लिए भारत को 1,10,000 करोड़ रूपये का खर्च आएगा. जिसका बड़ा हिस्सा जापान भारत को सॉफ्ट लोन के रूप में दे रहा है.

हालाँकि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने यह भी कहा है कि भविष्य में जापान यह निवेश 1 बिलियन डॉलर से बढ़ा कर 3 बिलियन डॉलर कर देगा. भारत के बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट जापान की हाई स्पीड रेल टेक्नोलॉजी पर आधारित है.
दो महत्वपूर्ण सवाल
सवाल ये उठता है कि क्या भारत को इतनी बड़ी राशी बुलेट ट्रेन में लगाने की जरूरत है जबकि हमारे पर पहले से ही एक अच्छा रेल नेटवर्क है जिसमें निवेश कर के इसे ही सुचारू तथा स्वस्थ बनाया जा सकता है?
दूसरा सवाल यह है कि मुंबई अहमदाबाद रूट जो पहले से ही ट्रेन, सड़क (स्वर्णिम चतुर्भुज योजना) तथा वायु के माध्यम से जुड़ा हुआ है उस रूट पर बुलेट चालान क्या एक सही फैसला है?
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