तेरी आरज़ू 2018-03-102018-03-10Roshan Singh गर ना तारीफ तेरी होती, ना फिर मज़ाक मेरा होता गर ना ज़मीं तेरी होती, ना फिर आसमाँ मेरा होता कट जाते ज़िन्दगी [...]
कहाँ जाऊं ? 2018-03-102018-03-10Roshan Singh अब कितना मुस्कुरा कर दर्द को छुपाऊ अपने ग़मो में बस यूँ ही ऐसे खो जाऊं सहन नहीं होता ज़िन्दगी तेरे दूरियों का [...]
वीमेन्स डे 2018-03-08Roshan Singh माँ भी तू, बेटी भी तू, तू ही बहन, महबूब भी तू| तू ही दुनिया का आधार है ॥ धुप भी तू , [...]
राष्ट्रोत्कर्ष 2018-03-082018-03-08कवि आलोक पाण्डेय यह राष्ट्र मुझे करता अभिसींचित् प्रतिपल मलय फुहारों से , प्रतिदानों में मिले ठोकरों , धिकारों, दुत्कारों से , Advertisement जो लूट रहे [...]
अच्छा नहीं लगता 2018-03-062019-07-10Roshan Singh तेरा यूँ रूठ कर जाना अच्छा नहीं लगता मेरा यूँ महफ़िल बिठाना अच्छा नहीं लगता जहाँ भी हो चले आओ मै तन्हा ही [...]
माँ तुम बहुत टोकती हो 2018-03-062019-07-10Nidhi Bansal माँ तुम बहुत टोकती हो कुछ भी करना चाहूँ मै Advertisement मुझे हर वक्त रोकती हो मेरी हर बात में माँ तुमको बस [...]
ऐ मौला 2018-03-042019-07-10Roshan Singh नफरत की उमर मौला तू क्यूँ लम्बी बनाता है किसी एक को मनाऊ तो दूजा रूठ जाता है ये धरती तो तेरी है [...]