कार या मोटरसाइकिल से ड्राइव करना आज सबकी जरुरत सी बन चुकी है। लेकिन घंटो एक ही सीट पर बैठे रहने पर न सिर्फ ड्राइवर बल्कि उसके पीछे बैठी सवारी को भी कमर दर्द, कंधे का दर्द और घुटनों का दर्द आदि झेलना पड़ सकता है। हालांकि थोड़ी सावधानियां बरत कर गाड़ी चलाते समय होने वाले पीठ दर्द से बचा जा सकता है।
ड्राइविंग करते समय कमर में दर्द क्यों होता है?
बहुत लम्बी दूरी तक की ड्राइविंग या दिन में काफी देर तक ड्राइविंग करते रहने से रीढ़ की हड्डी का लम्बर कर्व (गोलाई) लगभग ख़तम हो जाती है जिससे कमर के निचले हिस्से (लम्बर) के वर्टिब्रा और डिस्क पर अत्यधिक दबाव पड़ने लगता है.
रीढ़ की हड्डी पर ड्राइविंग के दौरान लगने वाले झटकों से दबाव और कम्पन होता है.
आधुनिक कारों में रूफ नीची होती है जिससे सीट की ऊंचाई सीमित हो जाती है. इसे एडजस्ट करने के लिए सीट को पीछे की और टिल्ट कर दिया जाता है जिसकी वजह से पैरों को सीधा रखना पड़ता है. ऐसी स्थिति में देर तक बैठने से हैमस्ट्रिंग पर खिंचाव पड़ता है और कूल्हों पर पीछे की और दबाव पड़ने कागता है.
सीट के पीछे झुके होने की वजह से ड्राइवर की गर्दन लगभग 20 डिग्री आगे की और झुकी रहती है जिस कारण गर्दन पर खिंचाव पड़ने लगता है और सर्विकल पेन होने लगता है.
ड्राइविंग करते समय होने वाले पीठ दर्द से बचाव के लिए क्या करें?
कुछ देर का ब्रेक – अगर आपका ऑफिस घर से बहुत दूर है तो अच्छा होगा कि रास्ते में कुछ देर के लिये आप कार रोक कर टहल लें, इससे आपको दोबारा घंटों तक ड्राइव करने में आसानी होगी और पीठ दर्द की शिकायद भी नहीं होगी।
पोस्चर सही रखें – ड्राइविंग के दौरान अकसर लोग अलत पोस्चर में बैठ जाते हैं, जोकि दर्दका कारण बन सकता है। इसलिये ड्राइविंग के दौरान अपना पोस्चर सही रखें और समय-समय पर अपनी पोज़ीशन को भी थोड़ा बदलते रहें।
कैल्शियम और विटामिन डी – आहार का भी ड्राइविंग के दौरान होने वाले पीठ दर्द को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। अतः अपने आहार में कैल्शियम और विटामिन डी ज़रूर लें। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम भी किया करें।
सीट को आगे रखें – जो लोग सीट को बहुत पीछे करके ड्राइव करते हैं, उनमें में गलत पोश्चर के कारण पीठ दर्द की शिकायद हो जाती है। इसलिये हमेशा अपनी सीट को थोड़ा आगे की ओर रखें, जिससे पैरों पर अतिरिक्त खिंचाव न पड़े।
सीट को ऊपर रखें – अपनी सीट को उतना ऊपर करें जिससे कि आपको आसानी से रोड़ दिख सके और आपको बार-बार उठ कर न देखना पड़े। साथ ही अपने घुटनों पर प्रेशर आने से भी रोकें। चाहें तो मोटा सीट कवर लगवाएं या फिर आप कुशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
सीट की स्थिति – शोधों से ऐसा पता चलता है कि यदि आपकी सीट की स्थिति लगभग 100 से 110 डिग्री के बीच हो तो ड्राइविंग के दौरान होने वाले पीठ दर्द से बचा जा सकता है। साथ ही इस एंगल पर सीट को होने से ड्राइविंग भी आसान हो जाती है।
टाँगों और हाथों को स्ट्रैच करें – यदि आप लगातार घंटों कार या बाइक चलाते हैं तो इससे बचें, आप चाहें तो कार पूल सुविधा ले सकते हैं। लेकिन अगर आपके लिए लंबी ड्राइव ज़रूरी ही है, तो बीच-बीच में रूककर अपनी टागों और हाथों को स्ट्रैच करना ना भूलें।
ड्राइविंग करते समय बैठने का सही तरीका क्या है?
- आपकी जाँघों का अधिकांश हिस्सा सीट पर टिका होना चाहिए.
- पेडल से बहुत दूर न बैठें. ऐसा करने कमर के ऊपरी हिस्से और गर्दन पर खिंचाव पड़ सकता है.
- स्टीयरिंग व्हील को इस तरस से एडजस्ट करें की आपके हाथों की स्थिति 2 बजने में 10 मिनट वाली हो.
- अपनी कमर के लिए लम्बर सपोर्ट का इस्तेमाल करें और इसे इस तरह से एडजस्ट करें कि बेल्ट बांधने वाली हाइट पर यह कमर को सहारा दे.
क्या होता है लम्बर सपोर्ट
दोस्तों, जैसा कि नाम से प्रतीत होता है, लम्बर सपोर्ट को खास कर आपकी रीढ़ की हड्डी तथा कमर के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए बनाया गया है. इसे प्रयोग करने से आपकी पीठ को पूरा आराम मिलता है तथा यह शरीर से उन महत्वपूर्ण बिन्दुओं को सपोर्ट प्रदान करता है जिनपर सबसे ज्यादा खिंचाव होता है.
लम्बर सपोर्ट को आप कार या अपने घर ऑफिस की कुर्सी पर लगा सकते हैं. सुविधानुसार एडजस्ट करने के बाद यह आपकी पीठ को तनावमुक्त रखता है.