एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास में कौनसा अलंकार है?
एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास में रूपक अलंकार है। प्रस्तुत पंक्ति में तुलसीदास कहतें है कि घनश्याम रूपी मेघ के लिए तुलसी दास चातक बन गए हैं।इसमे राम को मेघ तथा तुलसी दास को चातक का रूप दिया गया है,इसलिए यहाँ रुपक अलंकार है।
दूसरे शब्दों में कहें तो यह कहा जा सकता है कि मेघ और घनश्याम में तथा चातक और तुलसीदास में अभिन्नता नहीं है इसे ही उपमेय पर उपमान का आरोप कहते हैं।
इस उदाहरण में जहां जहां पर उपमेय और उपमान आए हैं, वो हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए नीचे लिख दिये हैं:-
उपमेय – उपमान
राम – घनश्याम
तुलसीदास – चातक
जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है।
अथवा जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक अलंकार अर्थालंकार का एक प्रकार है।
एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास में रूपक अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।
एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास पंक्तियों में रूपक अलंकार के अलावा और कौन सा अलंकार उपस्थित है?
अनुप्रास अलंकार की उपस्थिति
Important Alankar in Hindi अलंकार के उदाहरण एवं हिन्दी अलंकार पर प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
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