नई दिल्ली: पाकिस्तान के एक सैन्य अदालत ने “जासूसी” के आरोप पर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने भारत को बड़ी राहत दी है। यह फैसला एक महीने बाद आया, जब भारत ने सैन्य अदालत के आदेश को उलट जाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से संपर्क किया था। पिछले महीने सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी जाधव को मौत की सजा सुनाई गई थी।
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) को अपनी अपील में पाकिस्तान द्वारा वियना कन्वेंशन के कांसुलर संबंधों पर भयानक उल्लंघन का आरोप लगाया| साथ ही आईसीजे को अवगत कराया कि जाधव का ईरान में अपहरण हो गया था| जब वह भारतीय नौसेना से रिटायर होने के बाद व्यापार गतिविधियों में शामिल थे| लेकिन पाकिस्तान ने उन्हें 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार करने का दावा किया है| भारत ने अपनी अपील में तर्क दिया कि उसे गिरफ्तारी के लंबे समय तक जाधव की हिरासत के बारे में सूचित नहीं किया गया था| उन्होंने आगे कहा कि विएना कन्वेंशन के उल्लंघन में पाकिस्तानी अधिकारियों ने बार-बार अनुरोधों के बावजूद भारत को जाधव तक काउंसलिंग पहुंच के अधिकार से वंचित रखा।
I have spoken to the mother of #KulbhushanJadhav and told her about the order of President, ICJ under Art 74 Paragraph 4 of Rules of Court.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 9, 2017
सुषमा स्वराज कुलभूषण जाधव की माँ से मिलकर बताएंगी सारी कार्यवाही
स्वराज ने कहा कि वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण जाधव की माँ से मिलकर उन्हें पूरी कार्यवाही से अवगत कराएंगी| अभी तक भारत को जाधव मामले में सफलता मिली है, उन्होंने पत्रकारों को बताया|
#ICJ PRESS RELEASES: #India institutes proceedings against Pakistan and requests provisional measures https://t.co/tYNEF7LY8k pic.twitter.com/sKWX5EmI9N
— CIJ_ICJ (@CIJ_ICJ) May 9, 2017
आईसीजे अध्यक्ष रोनी अब्राहम ने कथित तौर पर पाकिस्तान सरकार को एक पत्र लिखा है और कहा है कि कार्रवाई इस तरह से करें ताकि आईसीजे इस मामले में उनके द्वारा किसी आदेश पर कोई आपत्ति न कर पाए|