Mala japne se kya labh hai?
जप किसी शब्द अथवा मंत्र को दोहराने की क्रिया ही नहीं है, यह पूजा पाठ की परंपरा का हिस्सा है तो विज्ञान भी । जब हम किसी शब्द को बार बार दोहराते हैं तो उसे जप करना कहते हैं। पूजा पद्धति में जप के माध्यम से भगवान के स्वरूप पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। राम, कृष्ण, शिव, दुर्गा, हनुमान आदि देवताओं के जप की परंपरा मिलती है। जप के माध्यम से भीतरी शक्ति को जागृत किया जा सकता है। आइए, जानें जप से किस तरह हम अपने में नई ऊर्जा भर सकते हैं?
जप निम्न तीन प्रकार से किया जाता हैः
वाचिक – यानी जब किसी शब्द या मंत्र को आवाज के साथ उच्चारण किया जाता है।
उपांशु – यानी मुंह से आवाज नहीं निकालते हुए जीभ (जुबान) से शब्द को दोहराना।
मानसिक – यानी केवल मन ही मन किसी शब्द या मंत्र को दोहराना।
जप के फायदे – जप करने से हमारे अंदर सोई हुई आध्यात्मिक शक्ति जागती है। पूजा में होने वाली अनुभूति को अधिक निकटता से अनुभव किया जा सकता है। भगवान की अनुभूति के नजदीक पहुंचने के लिए सभी धर्म संप्रदायों में जप का तरीका अपनाया गया है।
वैज्ञानिक दृष्टि से भी जप के प्रभाव सिद्ध पाए गए हैं। सामान्यतः कठिन परिस्थितियों में हम अचानक भगवान का नाम लेने लगते हैं, जिससे हम में कुछ शक्ति आती है, कुछ राहत मिलती है, एक अनजानी सुरक्षा की भावना उपजती है। जब अचानक शुरू हुए जपका इतना प्रभाव होता है तो नियमित जप की शक्ति का अनुमान लगाया जा सकता है।