मनचला मन चला तेरी और में कौन सा अलंकार है?
manchala man chala teri aur mein kaun sa alankar haiमनचला मन चला तेरी और
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प्रस्तुत पद में यमक अलंकार है।जब समान शब्दों की आवृति हो और अर्थ अलग हो तो वहाँ यमक अलंकार होता है।
प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:
शब्दों के लिखावटमें परिवर्तन के कारण इसमें सभंग पद अलंकार है।
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यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:
आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:
‘’हरि हरि रूप दियो नारद को। ‘’
“ कनक कनक तें सो गुना मादकता अधिकाई “ इसमें कनक के दो अर्थ हैं – धतूरा और स्वर्ण। अतः; इसमें यमक अलंकार है।
काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –
इसमें मन का मानवीकरण किया गया है इसलिए इसमें मानवीकरण अलंकार है।
अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:
अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?
- ऐसे दुरादुरी ही सों सुरत जे करैं जीव, साँचो तिन जीवन को जीवन है जग में। में कौन सा अलंकार है?
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