मजे की बात ये है कि कुछ लोग स्नैपचैट के भ्रम में स्नैपडील की रेटिंग ख़राब कर रहे हैं!
सोचने वाली बात ये है कि 2015 में दिया गया बयान अब क्यों सामने आया है वह भी तब जब स्नैपचैट फेसबुक को कड़ी टक्कर दे रहा है !
हकीकत ये है कि भारत वास्तव में एक गरीब देश है और यहाँ कि 15 प्रतिशत जनता $10 से कम की दिहाड़ी पर गुजर बसर करती है!
क्या देशभक्ति के आगे सच को ऐसे नजरअंदाज करने की जरूरत है?
हाल ही में आये एक ऑफिसियल बयान में स्नैपचैट के अधिकारीयों ने अपने सीईओ इवान स्पीगेल के ऐसे किसी भी बयान से इंकार किया