हमेशा छुप नहीं सकती जिसे औक़ात कहते हैं – इमरान ख़ान की एक ग़ज़ल 2015-11-012016-11-18simran kaur मुझे जीवन की राहों में हुई है मात कहते हैं, मैं कल तक तो उजाला था, मुझे अब रात कहते हैं। वो कल तक [...]