मेरे अल्लाह खतरे में तेरे भगवान खतरे में 2015-10-112016-03-12simran kaur ग़ज़ल हमारी हर समय रहने लगी है जान खतरे में कभी दीवाली खतरे में कभी रमज़ान खतरे में किसी के ऐतराज़ों में उलझकर [...]