फिर भी तू इंतज़ार कर शायद – अहमद फ़राज़ शायरी 2022-01-26Ritu Comment फिर भी तू इंतज़ार कर शायद फिर उसी राहगुज़र पर शायद हम कभी मिल सकें मगर शायद जिनके हम मुंतज़िर रहे उनको मिल [...]
दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हों – अहमद फ़राज़ शायरी 2022-01-26Ritu Comment दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हों दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हों मर जाइये जो ऐसे में [...]
दिल बहलता है कहाँ अंजुमो-महताब से भी – अहमद फ़राज़ शायरी 2022-01-082022-01-08RituV Comment दिल बहलता है कहाँ अंजुमो-महताब से भी दिल बहलता है कहाँ अंजुमो-महताब से भी अब तो हम लोग गए दीद-ए-बेख़्वाब से भी रो [...]
संगदिल है वो तो क्यूं इसका गिला मैंने किया – अहमद फ़राज़ शायरी 2022-01-082022-01-08Ritu Comment संगदिल है वो तो क्यूं इसका गिला मैंने किया संगदिल है वो तो क्यूं इसका गिला मैंने किया जब कि खुद पत्थर को [...]
ऐसे चुप हैं कि ये मंज़िल भी कड़ी हो जैसे – अहमद फ़राज़ शायरी 2022-01-082022-01-08RituV Comment ऐसे चुप हैं कि ये मंज़िल भी कड़ी हो जैसे ऐसे चुप हैं के ये मंज़िल भी कड़ी हो जैसे तेरा मिलना भी [...]
हम तो यूँ ख़ुश थे कि इक तार गिरेबान में है – अहमद फ़राज़ शायरी 2022-01-08RituV Comment हम तो यूँ ख़ुश थे कि इक तार गिरेबान में है हम तो यूँ ख़ुश थे कि इक तार गिरेबान में है क्या [...]
हम सुनायें तो कहानी और है – अहमद फ़राज़ शायरी 2022-01-082022-01-08RituV Comment हम सुनायें तो कहानी और है हम सुनायें तो कहानी और है यार लोगों की जुबानी और है चारागर रोते हैं ताज़ा ज़ख्म [...]
अच्छा था अगर ज़ख्म न भरते कोई दिन – अहमद फ़राज़ शायरीऔर 2022-01-082022-01-08RituV Comment अच्छा था अगर ज़ख़्म न भरते कोई दिन और अच्छा था अगर ज़ख़्म न भरते कोई दिन और इस कू-ए- मलामत में गुज़रते [...]