अदालत द्वारा 7 देशों के मुसलमान नागरिकों को अमेरिका में घुसने से रोकने वाले फैसले को पलट देने के बावजूद डोनाल्ड ट्रम्प के इरादे डिगे नहीं हैं और वो कट्टरपंथी मुसलमान आतंकवादियों को अमेरिका में ना घुसने देने के लिए कमर कैसे हुए हैं. डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका और उसके मददगार ‘मौत की ताकतों’ को, जो ‘तबाही को पूजते हैं’ खत्म करके रहेंगे।
अमेरिकी सेन्ट्रल कमांड में सैनिकों से मिलने के एक कार्यक्रम में US के प्रेसिडेंट ट्रम्प ने इमिग्रेशन बैन के अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि चाहे कुछ भी हो जाये, मुस्लिम चरमपंथियों को अमेरिका में कदम नहीं रखने दिया जायेगा. सेंट्रल कमांड आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिका के मिशन में एक अहम किरदार निभाता है।
ट्रम्प ने कहा, “आईएसआईएस नरसंहार के अभियान पर है, वह दुनियाभर में अत्याचार कर रहा है।” “कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी हमारे होमलैंड पर निशाना साध रहे हैं। यह उन्होंने 9/11 किया, बोस्टन से ऑरलैंड, सैन बर्नार्डिनो और पूरे यूराेप में किया।”
बता दें कि ट्रम्प ने सीरिया, ईरान, इराक, यमन, सूडान, सोमालिया और लीबिया के लोगों की अमेरिका में एंट्री पर 90 दिनों का बैन लगाया था, जिस पर कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। ट्रम्प ने अपने फैसले की आलोचना पर अमेरिकी मीडिया को एक बार फिर बेईमान कहा है। “प्रेस बहुत बेईमान है। यह आतंकवाद की घटनाओं की खबर नहीं देना चाहता।” “इसकी जो वजह है, वो आप जानते हैं।”
सोमवार को ट्रंप ने इस अदालती कार्रवाई की कड़ी आलोचना की। अपने खिलाफ हो रहे जनविरोध और कोर्ट के इस फैसले पर ट्रंप बिफर गए। उन्होंने कहा कि अमेरिका में अगर कुछ बुरा होता है, तो इसके लिए जज जिम्मेदार होंगे। ट्रंप ने लिखा, ‘संभावित आतंकवादियों और दिल में हमारा अच्छा न चाहने वालों के लिए जज हमारे देश के रास्ते खोल रहा है। बुरे लोग बहुत खुश हैं।’ ट्रंप ने संबंधित जज के विचार को बकवास बताते हुए कहा कि कोर्ट का यह फैसला पलट दिया जाएगा।